पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
रूपरेखा
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंखयक संचालनालय के उद्देश्य :-
- पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंखयक कल्याण के हित में बनाये गये उपबन्धों तथा उन्हें उपलब्ध सुविधाओं के संदर्भ में उनके अधिकारों को संरक्षण प्रदान करना।
- पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंखयकों के कल्याण और विकास के लिये आयोजना और नीतियां तैयार करना।
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पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंखयक वर्ग के व्यक्तियों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने की दृष्टि से विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक तथा आर्थिक विकास के कार्यक्रय तैयार करना।
विभाग की प्राथमिकताऐं :-- पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंखयक कल्याण वर्ग के लोगो को समाज की मुखय धारा से जोड़ने की दिशा में प्रभावी उपाय करना।
- पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंखयको के शैक्षणिक, सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान के लिये विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन।
- पिछड़े पन का अहसास समाप्त कराने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये स्वेच्छिक नवोत्थान की योजना का क्रियान्वयन।
- पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण ।
- परम्परागत तकनीकी एवं औद्योगिक क्षेत्र में शिक्षा हेतु डिप्लोमा , डिग्री का प्रावधान कर इन उपाधियों को हर क्षेत्रमें मान्यता देना।
- सामाजिक पिछड़े पन को दूर करने के लिये प्रत्येक क्षेत्र में विशेष प्राथमिकता प्रदान करना।
- आर्थिक रुप से कमजोर पिछड़े वर्ग के लोगो की कन्याओं के लिये जिला स्तर पर छात्रावास का निर्माण तथा उच्च शिक्षा के लिये विद्यार्थियों को शिक्षण सुविधायें एवं छात्रवृत्ति प्रदान करना।
- मस्जिद, दरगाहों एवं गुरूद्वारा इत्यादि भूमि/भवनों का सर्वेक्षण कर अवैध कब्जों को हटाना।
- वक्फ संपत्तियों का उपयोग अल्पसंखयकों के हित में करना। .
- उर्दू भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये उचित प्रयास करना तथा प्रदेश के साहित्यकारों का सम्मान करना।
योजनाएं / नीतियाँ
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंखयक संचालनालय के उद्देश्य :-
योजनाएं एवं कार्यक्रम
- मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुुल 91 जाति/उपजाति/वर्ग समूह पिछड़ा वर्ग घोषित है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग जातियों की अनुमानित आबादी 50.25: है ।
- अतः इन वर्गो के विकास कार्यक्रमों को राज्य द्गाासन द्वारा अपेक्षित महत्व दिया जा रहा है । शोषण से मुक्ति तथा अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु द्गिाक्षा का अपना महत्व है । अतः द्गिाक्षा विषयक योजनाएं विभाग की पहली प्राथमिकता है ।
- राज्य की महिला नीति के अंतर्गत विभाग की राज्य एवं पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत लाभांवित विद्यार्थियों में लगभग 35 प्रतिशत छात्राएं लाभांवित होती है, जबकि प्रावीण्य छात्रवृत्ति तथा सामूहिक विवाह योजनाओं में पात्रतानुसार लाभांवितों में 50 प्रतिशत महिलाएं लाभांवित होती है।
- आर्थिक विकास एवं स्वरोजगार संचालित करने हेतु वित्तीय वर्ष 1994-95 में म.प्र. पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की स्थापना की गई है। निगम द्वारा पिछड़े वर्ग के पात्र हितग्राहियों को स्वरोजगार स्थापित करने हेतु निम्न ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है ।
- राज्य छात्रवृत्ति अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2006-07 में 18.57 लाख विद्यार्थियों को तथा पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत 2.56लाख विद्यार्थियों को लाभांवित किया गया है.
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राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाऐं मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्ग के कल्याण हेतू संचालनालय पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंखयक कल्याण विभाग द्वारा निम्नांकित कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है :-
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छात्रवृति योजना :-
- राज्य छात्रवृति
- पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति
- प्रावीण्य छात्रवृति
- छात्रावासों का संचालन
- दिल्ली छात्रगृह योजना,
- विद्यार्थी कल्याण योजना
- छात्रगृह योजना
- पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को परीक्षा पूर्व प्रद्गिाक्षण योजना
- म.प्र. रामजी महाजन पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार योजना
- राज्य एवं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों को प्रोत्साहन योजना
- संभाग स्तर पर 100 सीटर बालक छात्रावासों का निर्माण
- जिला स्तरीय कन्या छात्रावास भवन निर्माण
- स्वरोजगार हेतु ऋण योजना
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छात्रवृति योजना :-
इस विभाग के अंतर्गत संस्थान और संगठन
Latest Update on 10-12-2018
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